"जिसको न निज-देश का अभिमान है |
वह नर नहीं,नर-पशू नीरा है,और मृतक समान है|" { मैथिलीशशराण गुप्त }
वह नर नहीं,नर-पशू नीरा है,और मृतक समान है|" { मैथिलीशशराण गुप्त }
देशभक्ति मानव-मात्र का धर्म है| इसके बिना मानव पसु के समान है | देशभक्ति मनुस्य के रक्त में होती है| तभी तो रक्त की अंतिम बून्द एवं अपनी अंतिम स्वास तक देशभक्त देश के लिये जीवित रहता है-
1• "सवा लाख से एक लराउ" {गुरु गोविन्द सिंह}
2• "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है" {लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक}
3• "न्यायधिस के पूछने पर किसने कहा, "मेरा नाम 'आजाद' मेरे पिता का नाम 'स्वतंत्र' और मेरा निवास स्थान 'भारतमाता के चरणों में या जेलखाने मे है| ' {चंद्रशेखर आजाद}
4• "अँग्रेज भारत छोरो" {महात्मा गांधी}
5• "मैं अपनी झासी नहीं दूंगी" {रानी लक्ष्मी बाई}
6• "अपना राज्य बुरा होने पर भी विदेशी राज्य से सौ गुना अच्छा है" {महर्षि दयानन्द सरस्वती}
7• "सरफरोसी की तमन्ना अब हमारे दिल मे है,
देखना है जोर कितना बाजुएं कातिल में है" {राम प्रसाद बिस्मिलह}
देखना है जोर कितना बाजुएं कातिल में है" {राम प्रसाद बिस्मिलह}
8• दो आजन्म कारावास का दंड सुनाये जाने पर किस महापुरुस ने यह वाक्य कहा "अंग्रेजो! तुम्हारा राज्य पचास वर्ष नही रहेगा" {वीर विनायक दामोदर}
9•"भारत हिन्दू राष्ट्र है" {डॉ हेडगेवार}
10• कर्म,ज्ञान और भाक्ति इन तीनो का जिस जगह ऐक्य होता है, वही श्रेस्ठ पुरुसार्थ है" {श्री अरविन्द}
11• शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना जो मनुष्यों में पहले से विधमान है" {स्वामी विवेका नन्द}
1 टिप्पणियाँ
aise lekh milna mushkil hota hai aur aap hindi me likhkar hindi ko internet par badha rahe hain.
जवाब देंहटाएंHello friends, agar aap koi salah ya sujhaw Dena chahte hai to comment kar ke bata sakte hai